विश्व की प्रगति आपसी संवाद और मेल से हुई है। जैसे-जैसे संवाद और मिलन के पुल बनते – गए, वैसे-वैसे विश्व के लोग आपस में मिलते गए। एक समय ऐसा आया कि पूरा विश्व ही एक गाँव बन गया। संचार के आधुनिक और उन्नत साधनों में आज का सर्वाधिक लोकप्रिय, सस्ता और द्रुत साधन है इंटरनेट।
इंटरनेट को हिन्दी में अंतर्जाल कहते हैं। यह एक ऐसा साधन है जिसके माध्यम से विश्व के सभी कंप्यूटर आपस में जुड़कर सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं। एक प्रकार से अरबों-अरबों लोग एक-दूसरे की सूचनाओं में साझी हो जाते हैं। इंटरनेट के माध्यम से एक आदमी अपने कमरे में बैठा-बैठा विश्व-भर से संवाद स्थापित कर लेता है। यह संचार का आसान और सस्ता माध्यम है। इसके माध्यम से संदेश पलक झपकते ही पहुँच जाता है। न कोई डाकिया, न कोई मध्यस्थ-आप सीधे ही अपनी बात कह और सुन सकते हैं। यदि आपको कहीं किसी मित्र को कोई संदेश, चित्र या फाइल शेजनी हो तो ई-मेल पर जाकर एक सेकेंड में भेज सकते हैं। आँकड़े बताते हैं कि लोग इंटरनेट का योग ई-मेल भेजकर ही करते हैं। उसके बाद चैटिंग का नंबर आता है। फेसबुक, टावटर, से माध्यमों से लोग दुनिया भर से अपने विचार बाँट सकते हैं। लीबिया की क्रांति हो या अन्नात का जनजागरण-सबमें इंटरनेट के संचार-जाल ने अपना काम किया है। ये जन-सचारक साधन करोड़ों लोगों के साथ एक साथ और सीधे संवाद कर सकते हैं।
इंटरनेट का दूसरा उपयोग है-सूचनाओं का आदान-प्रदान विश्व के किसी भी विषय पर कोई भी जानकारी पाने के लिए गूगल, याहू पर जाइए और तुरंत नवीनतम जानकारी प्राप्त कीजिए। विद्यार्थियों ने तो ज्ञान-प्राप्ति के लिए इसे पूरी तरह अपना लिया है। आँकड़े बताते हैं कि सन 1998 में दो करोड़ लोगों ने बीमारी और चिकित्सा के लिए इंटरनेट का उपयोग किया। आजकल अध्यापक इसके माध्यम से पढाने लगे हैं, अनेक संस्थान प्रतियोगी-परीक्षा लेने लगे हैं। _ इंटरनेट मनोरंजन का भी साधन है। इस पर विश्व की सारी गतिविधियाँ उपलब्ध हैं। अनेक खेल उपलब्ध हैं। मनचाही फिल्में, मनचाहे गाने, चैटिंग और तरह-तरह के सामान इसे लोकप्रिय बनाए हुए हैं।
इंटरनेट व्यापार, बैंकिंग, आजीविका, टिकट-खरीद, होटल बुकिंग, खरीददारी आदि आवश्यक क्षेत्रों में भी हस्तक्षेप रखता है। वास्तव में इंटरनेट की भूमिका आज बहुमुखी हो गई है।
इंटरनेट केवल स्वर्ग के ही द्वार नहीं खोलता। इसकी परेशानियाँ भी अनंत हैं। सबसे बड़ी परेशानी यह है कि यह समय-खाऊ यंत्र है। यह उस भटकाऊ चौराहे की तरह है, जिस पर खड़े होकर आदमी अपना रास्ता भूलकर अन्य आकर्षक रास्तों को निहारने में खो जाता है। इंटरनेट से एक सूचना लेनी हो तो हजारों सूचनाएँ आकर हमें भूलभुलैया में डाल देती हैं। बड़ी मुश्किल से हम वांछित सूचना ले पाते हैं। इस कारण हमारा समय बहुत व्यर्थ चला जाता है। इंटरनेट की दूसरी बड़ी कमी यह है कि यह छोटे-बड़े का ख्याल रखे बगैर सारी खबरें, सारी सूचनाएँ, सारे दृश्य लोगों के सामने खोल देता है। अनेक अश्लील और नंगे दृश्य इस पर हमेशा उपलब्ध रहते हैं। इससे विश्व की अनेक संस्कृतियों में खलल पड़ गया है। अपने बच्चों को हम कुमार्ग से बचाने के लिए जी-जान लगाया करते थे, इंटरनेट उसे हमारे घर में आकर ही परोस देता है। यह घर बैठे-बैठे भ्रष्ट होने का साधन बन गया है। इंटरनेट का एक बड़ा खतरा यह है कि इसके माध्यम से अनेक चोरियाँ होने लगी हैं। हमारे पते. बैंक-खाते. क्रेडिट कार्ड नंबर चोरी होने लगे हैं, जिसके कारण हमारे खाते से पैसे चोरी हो जाते हैं। एक बड़ा खतरा यह है कि हमारे मेल पर हजारों अवांछित संदेश आते हैं और वे हमारी दिनचर्या में खलल डालते हैं। कभी-कभी ऐसा वायरस आ जाता है कि हमारी सारी सूचनाएँ नष्ट हो जाती हैं। इंटरनेट के खतरों से बचा जा सकता है। इसके लाभ इतने अधिक हैं कि आज इसके वरदानों से वंचित नहीं हुआ जा सकता।