प्रस्तावना – ‘प्रदर्शनी’ शब्द में एक ऐसा आकर्षण है कि जो लोगों को अनायास ही अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। प्रदर्शनी में देखने योग्य वस्तुओं का प्रदर्शन किया जाता है। यह प्राचीन शब्द ‘पैंठ’ अथवा ‘मेले’ का आधुनिक रूप है।
प्रदर्शनी के प्रकार – ‘प्रदर्शनी’ कई प्रकार की होती है जैसे ‘पुस्तकों की प्रदर्शनी’, ‘कृषि प्रदर्शनी’, डाक-टिकटों की प्रदर्शनी’, ‘चित्रों की प्रदर्शनी’, ‘औद्योगिक प्रदर्शनी’ आदि। इनमें कुछ प्रदर्शनियाँ छोटे स्तर की होती हैं जो किसी हॉल या कमरे में लगाई जा सकती है। इनमें चित्रों व डाक टिकटों की प्रदर्शनियाँ आदि होती हैं। दूसरे प्रकार की प्रदर्शनियाँ बड़े स्तर की होती हैं जिन्हें केवल बड़ेबड़े मैदानों में ही लगाया जा सकता है, इनमें कृषि व औद्यौगिक आदि की प्रदर्शनियाँ शामिल की जा सकती हैं।
कोलकाता में प्रदर्शनियाँ- कोलकाता में बड़े स्तर की प्रदर्शनियाँ ब्रिगेड परेड मैदान में आयोजित की जाती हैं। इस विशाल मैदान में राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनियों का आयोजन होता रहता है। ब्रिगेड मैदान में लगने वाली प्रदर्शनियों का आयोजन ‘भारतीय व्यापार मेला प्राधिकरण’ द्वारा किया जाता है। यहाँ एक ही स्थान पर विभिन्न राष्ट्रों द्वारा अपने-अपने व्यापार-मंडप सजाए जाते हैं। ब्रिगेड मैदान में जब भी कभी कोई प्रदर्शनी या मेला लगता है तो सभी समाचार पत्रों में बड़े पैमाने पर दिए गए विज्ञापनों द्वारा जनता को सूचित किया जाता है। यहाँ पर प्रायः उन वस्तुओं का प्रदर्शन किया जाता है जिनका प्रयोग सभी देशों द्वारा किया जाता है। जैसे कपड़े, खिलौने, मशीनें, कास्मैटिक्स, खेलों का समान, टी.वी., रेडियो, दवाइयाँ आदि। इन उद्योगों से सम्बन्धित प्रदर्शनी को औद्योगिक पदर्शनी’ कहा जाता है।
औद्योगिक प्रदर्शनी का वर्णन – औद्योगिक प्रदर्शनी सभी प्रदर्शनियों से बड़ी प्रदर्शनी होती है। इसीलिए ऐसी प्रदर्शनियाँ प्रायः कम जगहों पर दिखाई जाती है ओर कभी-कभी ही दिखाई जाती हैं। ऐसी प्रदर्शनियाँ हमारे देश में केन्द्रीय सरकार द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाती हैं। ऐसी प्रदर्शनी का महत्त्व राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर होता है। इन प्रदर्शनियों में स्वदेश निर्मित वस्तुओं का आकर्षक और अद्भुत रूप दिखाया जाता है। औद्योगिक प्रदर्शनी में बिजली का सामान, मशीनें, मोटरकार, हथकरघा उद्योग, खनिज पदार्थ, छपाई, लकड़ी के सामान, खिलौने, खाद्य पदार्थ, इन्जीनियरिंग का समान इत्यादि को बनाने वाले उद्योग-धन्धों का प्रदर्शन किया जाता है। इस प्रदर्शनी में संसार के बड़े-छोटे अनेक देश भाग लेते हैं। जैसे फ्रांस, रूस, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, आस्ट्रेलिया, हंगरी, पोलैण्ड आदि । यहाँ अनेक वस्तुओं के निर्माण, उपयोगिता एवं क्रय-विक्रय की पूरी जानकारी दी जाती है, जिससे हमारे ज्ञान में वृद्धि होती है।
उपसंहार – इन औद्योगिक प्रदर्शनियों द्वारा अनेक वस्तुओं के व्यापार तथा उनके निर्यात को बढ़ावा मिलता है। इनसे एक ओर राष्ट्रों के आर्थिक विकास में सहायता मिलती है तो दूसरी और राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय सद्भाव, मित्रता और सहयोग में वृद्धि होती है।