भमिका – मनोरंजन मनुष्य की स्वाभाविक इच्छा है। आज विज्ञान के विकास के साथ-साथ मनोरंजन के साधनों का भी विकास हुआ है। आधुनिक युग में मनोरंजन के प्रमुख साधन हैं – रेडियो, दरदर्शन, वीडियों, सर्कस, सिनेमा, पर्यटन-स्थल, खेल-प्रतियोगिताएँ आदि।
रेडियो – आज का सर्वाधिक प्रचलित साधन है – रेडियो। यह भारत की कोटि-कोटि जनता के लिए अत्यंत सस्ता और सुलभ है। यह रसोईघर से लेकर मेहनतकश किसानों तक का मनोरंजन करता है। अमीर-गरीब सब इससे आनन्द उठाते हैं।
दूरदर्शन – आज दूरदर्शन मध्यम वर्ग को बहुत आकर्षित कर रहा है। इसके माध्यम से हम घर बैठे संसार – भर की गतिविधियों को प्रत्यक्ष अपनी आँखों से देख सकते हैं। दुनिया के श्रेष्ठतम कलाकारों को, नगरों को, उद्योग-धंधों को, महत्त्वपूर्ण घटनाओं को, नेताओं को, प्रतियोगिताओं को दूरदर्शन प्रत्यक्ष दिखा देता है।
पर्यटन – आजकल पर्यटन भी मनोरंजन के साधनों में गिना जाने लगा है। विभिन्न सरकारें अपनेशाने राज्यों में वन-उपवन, मनोरम वाटिकाएँ. पिकनिक-स्थल आदि का इस प्रकार विकास कर हैं कि अधिकाधिक पर्यटक वहाँ घूमने का आनन्द ले सकें। आजकल उच्च-मध्यम वर्ग की रुचि इस और बहुत अधिक बढ़ चली है। मसरी, नैनीताल, श्रीनगर, ऊटी, दार्जिलिंग आदि पहाड़ी स्थला पर तो पर्यटकों के मनोरंजन के लिए विशेष आयोजन भी किए जाते हैं।
खेल-प्रतियोगिताएँ – क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल आदि खेलों में भी जनता की रुचि बढ़ रहा है। सरकार श्रेष्ठतम स्टेडियम बनाकर इस रुचि को प्रोत्साहन दे रही है। विदेशों में अनेकानेक वाचत्र प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जो अत्यधिक खर्चीले हैं।
साहित्यिक कार्यक्रम – यद्यपि नाट्यशाला, सिनेमा, कवि-सम्मेलन, उपन्यास, कथा, कविता, पत्र-पत्रिका आदि पुराने साधन हैं, परन्तु ये आज भी उच्च कोटि के लोगों को अपनी ओर खींच रहे है। इस प्रकार मनोरंजन के विविध कार्यक्रम संसार को रोचकता प्रदान करने में लगे हुए हैं।