मनुष्य प्राचीन काल से ही प्रगतिशील रहा है। वक्त की रफ्तार के साथ-साथ विज्ञान ने बहुत से नये तकनीकी साधनों का आविष्कार किया है। जिस प्रकार हिम युग, पाषाणयुग, काँस्य युग और लौह युग हैं उसी प्रकार हम आज के दौर को ‘विज्ञान युग’ कह सकते हैं। विज्ञान मानव की ऐसी देन है जिसने मानव के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया है। आज का मनुष्य विज्ञान के हाथों बँध गया है। आज के विज्ञान ने जहाँ एक तरफ जीवन के तरह-तरह के संसाधनों का विकास किया है, वहीं उसने हमें अपने कब्जे में भी कर लिया है। वह क्षण भर में सजन कर सकता है तो, पलभर में विनाश भी। मनुष्य की सबसे बड़ी विशेषता रही है उसका असंतोष जिसके चलते वह प्रतिदिन नयेनये आविष्कारों द्वारा हमें आश्चर्यचकित करता रहता है। मानव ने आज प्रकृति को भी अपने वश में कर लिया है। मुश्किल और दुर्गम क्षेत्रों में भी उसने अपना आधिपत्य जमा लिया है।
विज्ञान की उपलब्धियों को नकारा नहीं जा सकता। प्राचीन काल में मनुष्य जो यात्राएँ कई वर्षों में पूरी कर पाता था, वही आज हम कुछ घंटो में कर सकते हैं। यातायात के साधनों में दिनोंदिन प्रगति इस बात का जीता-जागता उदाहरण है। मानव आज पृथ्वी पर ही नहीं, बल्कि आकाश में चन्द्रमा और मंगल जैसे ग्रहों पर भी पहुंच गया है। यातायात में उन्नति से व्यापारिक क्षेत्रों में वृद्धि हुई है। अकाल, बाढ़, सूखा, जैसी विपत्तियों का सामना करने में आज का मानव सक्षम है। आज हम किसी भी जगह निबन्ध-लेखन मात्र में बात कर सकते हैं। टेलिफोन, बेतार यंत्र, रेडियो, दरदर्शन ने आज क्रांतिकारी परिवतन ना दिया है। रेडियो से एक ओर जहाँ हम घर बैठे संगीत और समाचारों का आनन्द ले सकतह, ही दरदर्शन से हम घर बैठे देश के कोने-कोने में घटित घटनाओं को देखते हुए आनन्द ले सकत हैं। देह को झुलसाने वाली दोपहर अब विज्ञान के हाथों पंगु है। उसने ऐसी मशीन दी है जो पूरे कक्ष को वातानुकूलित करके प्रकृति पर विजय पताका फहराती है। यह विज्ञान की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। विज्ञान ने जीवन को कोमल बना दिया है। मनुष्य घर बैठे टेप और टेलिविजन से अपना मनोरंजन कर सकता है। विडियो गेम विज्ञान की ही उपज है जिससे हम अपना मनोरंजन कर सकते हैं। कैमरे में कैद चित्रों के माध्यम से हम पुरानी स्मृतियों को ताजा करने में सक्षम है। विदेशों में हो रहे खेलों का जायजा घर बैठे ले सकते हैं। सिनेमा से मानसिक थकान को दूर किया जा सकता है।
विद्युत मनुष्य की सबसे बड़ी उपलब्धि है। आज विज्ञान जल, हवा तथा सूर्य की किरणों से भी बिजली उत्पन्न करने में सक्षम है। इस पर धूप, वर्षा का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। रेलगाड़ियों, ट्रकों तथा कारों ने मानव जीवन को आरामतलब बना दिया है। बिजली से हम प्रकाश, उष्मा सभी कुछ प्राप्त कर सकते हैं। बिजली विभिन्न रोगों के निदान में भी महत्वपूर्ण सिद्ध हुई है। चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान ने कैंसर और बड़ी चेचक जैसी संक्रामक और भयावह बीमारियों का भी इलाज निकाला है। बड़ी चेचक को तो विज्ञान ने विश्व से ही दूर कर दिया है। कैंसर में रेडियम की किरणें तथा कोबाल्ट की किरणें लाभदायक सिद्ध हुई हैं। एक्सरे मशीन के माध्यम से शरीर के अन्दर के फोटो को लेकर अज्ञात रोगों का पता लगाया जा सकता है। ई०सी०जी०और अल्ट्रासाउण्ड के माध्यम से भीतरी अंगों का प्रत्यक्ष दर्शन कर सकते हैं। विज्ञान ने रोगों के निदान मे भी महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त कर ली है। टी० बी०, हैजा आदि प्राणघातक रोग नहीं रहे। हृदय रोग, किडनी प्रत्यावर्तन में भी विज्ञान ने महत्वपूर्ण सफलता अर्जित की है। प्लास्टिक सर्जरी से नया अंग तथा सुन्दर चेहरा भी प्राप्त किया जा सकता है।
इस प्रकार विज्ञान नये मानव के सृजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। नये बीजों और नई खादों से कृषि क्षेत्र में भी विज्ञान ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। _ विज्ञान ने जिस तरह से मानव कल्याण में सहायता की है उससे पता चलता है कि वह दिन दूर नहीं जब पृथ्वी पर स्वर्ग उतर आयेगा, चारों तरफ खुशहाली होगी, कोई भी दुखी नहीं होगा। चन्द्रलोक और मंगल जैसे ग्रहों पर भी मानव का राज होगा और इसका श्रेय विज्ञान को होगा। विज्ञान दैवी शक्तियों से परिपूर्ण है, अतः विज्ञान का प्रयोग विश्व कल्याण के लिए किया जाना चाहिए। विज्ञान के सदुपयोग से ही मानव का कल्याण हो सकता है।